
साहब मेरे घरवाले बीमार है, घर में उनको देखभाल करने वाला कोई नहीं हैं , इसलिए मैं 15 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मतदान में ड्यूटी नहीं दे सकूंगा । साहब अभी -अभी में कोरोना से ठीक हुआ हूं, कमजोरी बहुत अधिक है, इस बार ड्यूटी दी, तो दोबारा बीमार पड़ने की सम्भावना है। ऐसे ही तमाम बहाने चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी बना रहे हैं।
15 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए ड्यूटी आवंटन हो गयी है और ट्रेनिंग भी शुरू हो गयी है। लेकिन तमाम शिक्षक व कर्मचारी अपनी चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए तमाम तरह के बहाने आजमा रहे हैं। किसी ने खुद को बीमार बताया , तो किसी ने खुद को परिवार का एकमात्र सहारा बताया , किसी ने बुजुर्ग स्वजन की देखभाल का बहाना बनाना शुरू कर दिया है, तो किसी ने उनके बच्चेके छोटे होने का। कुछ कार्मिक पति-पत्नी भी अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए जुगाड़ में लगेहुए हैं।